बदले हुए लोगों के परे, नव समूहों में जागरूकता

बदले हुए लोगों के परे, नव समूहों में जागरूकता

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बदले हुए लोगों के परे, नव समूहों में जागरूकता

 

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Keystone Human Services (KHS) is a non-profit organization that is a part of a global movement to provide support and expertise to people with disabilities.

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बदले हुए लोगों के परे, नव समूहों में जागरूकता

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Beyond choir photo1डॉ. रीता जेम्स और डॉ. नीलम सोंढी का मानना है कि भारत में विकलांगता युक्त लोगों के लिए समानता और न्याय की दिशा में काम करने के लिए परिवार के सदस्यों और इस क्षेत्र के पेशेवरों के समूहों से आगे बढ़ना होगा। वे दोनों ही संगठनों के अन्तर्गत परिवर्तन  के लिए काम करते हैं, और बेंगलुरु में आशा किरण स्कूल और लुधियाना में आशीर्वाद, परिवारों और पेशेवरों के द्वारा बदलाव के लिए कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के अच्छे उदाहरण हैं। लेकिन परिवर्तन सभी लोगों से आना चाहिए, ताकि हम सभों के लिए जगह बनाने के लिए एक साथ मिलकर काम कर सकें।

अज्ञात क्षेत्रों में जाने औऱ समाज के उन हिस्सों तक पहुंचने के लिए जिन्होंने कभी-कभी विकलांगता युक्त व्यक्तियों की भलाई के बदले उनके विरूध्द काम किया है, एक निश्चित प्रकार की बहादुरी की आवश्यकता होती है । रीता और नीलम ने इस बात की पहचान करते हुए कि चिकित्सकों के शब्दों में बहुत अधिक वजन होता है, और उनके शब्दों को परिवारों तक इस प्रकार से पहुँचाया जा सकता है कि वे एक मजबूत और पूर्ण जीवन के लिए दिशा निर्धारित करते हैं या कम उम्मीदों के रूढ़िबध्द सोच को सुदृढ़ कर सकते हैं, चिकित्सकों और सक्रिय कार्यकर्ताओं के साथ इकट्ठा होने का निर्णय लिया ताकि उनके साथ आम सहमति और चिंता के क्षेत्रों की तलाश की जा सके।

Beyond Choir photo2

24 लोग कुछ घबराहट के साथ एक जूम रूम में इकट्ठा हुए – जिनमें मेडिकल के छात्र, स्नायुतंत्र विशेषज्ञ, हड्डियों के शल्य चिकित्सक, दंत चिकित्सक, मनोचिकित्सक शामिल थे। सभी नीलम और रीता के साथ मिलकर इस बारे में बात करने के लिए कि वर्तमान में जिस तरह की स्थिति मौजूद है और वे किस तरह बदली जा सकती हैं, उन दोनों के बीच की खाई को पाटने के लिए डॉक्टर क्या कर सकते हैं उस पर विचार कर सकें। जैसे-जैसे चर्चा गर्माती गई, यह स्पष्ट हो गया कि यह एक ऐसा समूह नहीं है जो विकलांगता को रोगात्मक या विकृति विज्ञान के रूप में देखने को इच्छुक है, बल्कि इसके बजाय, यह 21 इच्छुक सक्रिय नागरिकों का समूह है, जो विकलांगता युक्त लोगों की बेहतरी चाहता है। साथ में मिलकर उन्होंने चिकित्सा के पेशे में लगे लोगों के द्वारा विकलांगता युक्त लोगों के साथ जिस तरह से व्यवहार किया जाता है, उसके बारे में  कई समस्याओं को इंगित किया और उन्हें व्यक्त करने में भी सक्षम हुए। उनके पास बेहतर तरीकों को इस्तेमाल करने का आश्चर्यजनक ज्ञान था, जिनमें मेडिकल छात्रों को उनके प्रशिक्षण काल में जल्दी ही संवेदनशील बनाना भी शामिल था। एक घंटे से कुछ अधिक समय में उनके द्वारा किया गया काम उनकी अपनी चिकित्सा पद्धति में अच्छे फल प्रदान कर सकता है, और विकलांगता युक्त लोगों और उनके परिवारों को प्रभावित कर सकता है।

दूसरी ओर, शायद सबसे बड़ी सीख यह थी कि परिवारों और विकलांगता युक्त लोगों के हकों की पैरवी करने वाले लोगों को इस बातचीत को हमारे अपने सामाजिक और पेशेवर हलकों के सुरक्षित दायरे से बाहर निकालने की आवश्यकता है। इस संदेश को हमारे अपने आरामदायक क्षेत्र से बाहर ले जाने का यह एक सरल साहस का कार्य था जिसमें यह पाया गया कि जीवन के पहले क्षणों से ही विकलांगता युक्त लोगों के लिए एक सुखद दुनिया बनाने की दिशा में कार्य करने के लिए दुनिया के कई लोग अपने वचनों और कार्यों से तैयार हैं। मदद करने या नुकसान पहुंचाने में चिकित्सकों की एक अनूठी भूमिका होती है, और रीता और नीलम ने सीखा कि कम से कम इस समूह के लोग मदद करने के लिए तैयार हैं।