देशीय स्थानों में रहने वाले शिल्पकार और दस्तकार जानते हैं कि उनकी कला और शिल्प अपने साथ उन लोगों का ज्ञान संजोये हुए हैं जो पहले ही दुनिया से जा चुके हैं। सधे हुए हाथों से कुछ सुंदर, सार्थक और उपयोगी बनाने का हुनर, और यह ज्ञान कि एक हाथ की बनी वस्तु का मूल्य अपने रूप और आकार से कहीं अधिक बढ़ कर है।
उत्तराखंड के मध्य में एक छोटा लेकिन दर्शन से प्रेरित संगठन अवस्थित है, जो लोगों को एक साथ लाने के लिए प्रतिबध्द है, और इस समझ के साथ शुरू होता है कि सभी उद्यम वास्तव में मानव उद्यम हैं। अर्थव्यवस्थाएं लोगों के द्वारा, साझेदारी, साझा लक्ष्यों तथा खुशी के साथ किए गए कार्यों के साथ बनाई जा सकती हैं । विकलांगता युक्त लोगों के लिए आजीविका की दिशा में काम करने वाले एक सामान्य कार्यक्रम की बजाय यह उद्यम एक अलग प्रकार का स्थान है। यहां पर आपको विकलांगता युक्त व्यक्ति समुदाय से अलग थलग, एक जगह इकट्ठे होकर मोमबती बनाते हुए, या अखबारों की थैली बनाते, मसाला पीसते या होली के रंगों के लिए फूलों को पीसते नहीं दिखेंगे।कल्याण रूपी दान के लक्षण भी आपको दान तख्तियों के रूप में दान करने वाले परोपकारी लोगों की याद दिलाते नहीं दिखेंगे। न ही आपको कोई कक्षाएँ मिलेंगी जहाँ वयस्कों के साथ बच्चों जैसा व्यवहार किया जाता है। इसके बजाय, प्रिंटर का शोर और एक कार्यालय के रोजमर्रा के शोर सुनाई देंगे, और साथ में मिलेंगे किसी भी अन्य लोगों की तरह एक छोटे कार्यसमूह के लिए संयुक्त रूप से रचनात्मक काम करने के लिए नियत खाली स्थान। कुछ लोग इस स्थान में हाथ से बने कागज के उत्पादों के ऑर्डर की समय सीमा को पूरा करने के लिए लगन के साथ एक साथ मिलकर काम करते मिलेंगे। यह तो केवल करीब आने पर और लोगों के साथ बातचीत करने से ही पता चलता है कि उनमें से कुछ लोग विकलांगता युक्त हैं। जिस आदमी ने यह छोटा उद्यम शुरू किया है, वह हमें यह नहीं बताता कि यह एक विकलांगता की परियोजना है, न ही वह इस बात को रेखांकित करता है। वह कुछ भी ‘विशेष’ करने का इच्छुक नहीं था, बल्कि उसने सामान्य तरीकों का इस्तेमाल करते हुए उन लोगों के समावेशन और हाशिए पर पड़े लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए समुदाय के परंपरागत समृद्ध संसाधनों और हाथों से काम करने के कौशल का उपयोग करते हुए एक समुदाय की कलाकृतियाँ बनाने का मार्ग चुना।
सभी वही देते हैं जिसका योगदान करने के लिए वे सबसे उपयुक्त होते हैं। श्री ऋषभ, एक साल के रोजगार के बाद, कागजी उत्पादों पर सूक्ष्मतापूर्वक सुराख करने के अपने कौशल के साथ-साथ कार्यालय चलाने और लोगों को उनके काम पर ध्यान केन्द्रित रखने में मदद करने के लिए अपने प्रबंधन और प्रेरक कौशल का उपयोग करते हैं। वह अपने सहकर्मियों और साझेदारों के लिए प्रतिदिन “दिन भर के लिए प्रेरक कथन” पोस्ट करता है और नौकरी की मांगों को अच्छी तरह पूरा करता है। उनके योगदान के पीछे समुदाय के लिए गर्व के साथ उत्पादन करने की इच्छा है, और पीढ़ी दर पीढ़ी के लोगों के साथ खड़े होने का जज्बा है जिन्होंने अति सावधानी पूर्वक इस तरह के मेहनत का काम किया है, और इसे देश के बाकी लोगों के साथ अपने उत्पादों को साझा किया है। इस पहल की प्रतिबद्धता अब हाथ से तैयार किए गए फर्नीचर, और इस जगह के बने अन्य उत्पादों तक फैली हुई है।
सामाजिक भूमिका मूल्यवर्धन का एक त्वरित अध्ययन, साधारण के महत्व पर प्रकाश डालता है। इस स्थान में, साधारण वास्तव में असाधारण है। उत्तराखंड राज्य दशकों से स्थानीय लोगों के हाथों से तैयार देशी हस्तशिल्प की समृद्धि से भरा पड़ा है। इन सुंदर उत्पादों के लिए यहाँ एक बाजार भी है। यहां बनाया गये कागज विकलांगता युक्त और बिना विकलांगता वाले लोगों के द्वारा बनाये जाते हैं, और उनके कामों में उनकी हिस्सेदारी है, और वे उन लोगों के बीच लाभ साझा करते हैं जो इन उत्पादों का निर्माण करते हैं, सिर्फ सेवा ही नहीं, पेशेवरों के वेतन नहीं, बल्कि कड़ी मेहनत और दिल से काम करते हुए साझा करते हैं। काम सभी श्रमिकों के बीच बांटा जाता है और हर कोई अपनी क्षमता की परवाह किए बिना, रुचि और झुकाव के अनुसार अपने हिस्से का काम करता है। हमें सूचित किया गया है कि इस उद्यम की नींव में दिन को घंटों को व्यस्तता से भरना नहीं, बल्कि उसे ऐसे व्यवसाय से भरना है जो हर किसी का उत्थान करता है। “छोटा सुंदर है” एक सिद्धांत के रूप में इस उद्यम का मार्गदर्शन करता है, और लोगों का एक छोटा, एकीकृत समूह राष्ट्रीय बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाले स्थानीय हस्तकला के योगदान के साथ-साथ बाजार के एकीकरण, और सच्चे अर्थों में लोगों के एकीकरण में योगदान करने के लिए मिलकर काम करता है। सीखने के लिए कई सबक हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण यह है कि हाथों के काम का मूल्य है, इसे तुच्छ नहीं समझा जाना चाहिए। सांस्कृतिक स्मृति और अर्थव्यवस्था के लिए वास्तविक मूल्य के रूप में इसका बहुत महत्व है।