नहीं किसी काम का - डॉ. रानू उनियाल, कवयित्री, लेखिका, प्रोफेसर और माँ संपादक का नोट: डॉ. उनियाल विकासात्मक विकलांगता युक्त लोगों के बारे में कई लोगों द्वारा सामाजिक अस्वीकृतियों के प्रभाव और आहत वाली धारणाओं की क्रड़वी सच्चाई के साथ लिखती हैं।Read More
बैंगलोर संगीत विद्यालय और समावेशन की कला - सुजा पिशारोडी , एक माँ, एडवोकोट और एस.आर.वी. लीडर द्वारा साझा की गई एक व्यक्तिगत कहानी संपादक का नोट: सुजा ध्रुव की मां है, जो एक प्रतिभाशाली और खुश रहनेवाला ऑटिज़्म युक्त किशोर है। ध्रुव और उसकी मां, सुजा, दोनों भारत के उस समुदाय से गहरे तौर...Read More
"यह हमेशा असंभव सा लगता है, जब तक कि पूरा न हो जाये!" - नेल्सन मंडेला - चित्रा पॉल, एडवोकेट, "टॉकिंग फिंगर्स" की सह-संपादक, एस.आर.वी. लीडर और तरुण की मां और तरुण पॉल मैथ्यू, छात्र, लेखक, विचारक, सेल्फ-एडवोकेट, और नई पुस्तक "टॉकिंग फिंगर्स" के सह-लेखक और चित्रा के बेटे।Read More
एक मामूली चमत्कार के पीछे क्या है? - बेट्सी न्यूविल कभी-कभी, सही परिस्थितियाँ उत्पन्न होती हैं कि वे किसी के लिए विकास के शक्तिशाली क्षण बन जाते और उनकी पहचान और व्यक्तित्व को मार्मिक ढंग से प्रकट करते हैं। गहरे रूप से चोट खाये और अवमूल्यित लोगों के लिए, कई बार उनकी पहचान उनकी विकलांगता...Read More
अवसर, संभावना और एक सशक्त भूमिका - डॉ. नवल पंत, पिता, सह-संस्थापक PYSSUM, एस.आर.वी. लीडर सामाजिक भूमिका मूल्यवर्धन (एस.आर.वी.) हमें मूल्यवान सामाजिक भूमिकाओं की शक्ति के बारे में सिखाता है और कैसे ऐसी भूमिकाएं लोगों को जीवन की अच्छी चीजों तक पहुंच प्रदान करने में योगदान देती हैं। जीवन की उन अच्छी चीजों में से...Read More
अपनापन महसूस कर पाने की लंबी यात्रा - गीता मंडल और एस रामनाथन पहले असंभव सा लगने वाला कोई काम भी दर्शन के साथ कार्रवाई को मिलाकर करने से एक आमूल परिवर्तन ला सकता है। टिमाबेन एक राज्य के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान की निवासी थी - जहाँ वह अपने परिवार से अलग होने के बाद...Read More