"यह हमेशा असंभव सा लगता है, जब तक कि पूरा न हो जाये!" - नेल्सन मंडेला - चित्रा पॉल, एडवोकेट, "टॉकिंग फिंगर्स" की सह-संपादक, एस.आर.वी. लीडर और तरुण की मां और तरुण पॉल मैथ्यू, छात्र, लेखक, विचारक, सेल्फ-एडवोकेट, और नई पुस्तक "टॉकिंग फिंगर्स" के सह-लेखक और चित्रा के बेटे।Read More
एक मामूली चमत्कार के पीछे क्या है? - बेट्सी न्यूविल कभी-कभी, सही परिस्थितियाँ उत्पन्न होती हैं कि वे किसी के लिए विकास के शक्तिशाली क्षण बन जाते और उनकी पहचान और व्यक्तित्व को मार्मिक ढंग से प्रकट करते हैं। गहरे रूप से चोट खाये और अवमूल्यित लोगों के लिए, कई बार उनकी पहचान उनकी विकलांगता...Read More
अवसर, संभावना और एक सशक्त भूमिका - डॉ. नवल पंत, पिता, सह-संस्थापक PYSSUM, एस.आर.वी. लीडर सामाजिक भूमिका मूल्यवर्धन (एस.आर.वी.) हमें मूल्यवान सामाजिक भूमिकाओं की शक्ति के बारे में सिखाता है और कैसे ऐसी भूमिकाएं लोगों को जीवन की अच्छी चीजों तक पहुंच प्रदान करने में योगदान देती हैं। जीवन की उन अच्छी चीजों में से...Read More
अपनापन महसूस कर पाने की लंबी यात्रा - गीता मंडल और एस रामनाथन पहले असंभव सा लगने वाला कोई काम भी दर्शन के साथ कार्रवाई को मिलाकर करने से एक आमूल परिवर्तन ला सकता है। टिमाबेन एक राज्य के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान की निवासी थी - जहाँ वह अपने परिवार से अलग होने के बाद...Read More
संचार का अर्थ स्पष्ट हुआ (Communication Clarified) शबनम रहमान, क्रिस्टल माइंड्स, कोलकाता में एक पुनर्सुधार मनोवैज्ञानिक हैं और सार्थक अनुभवों के माध्यम से पसंदीदा पहचान, संभावनाओं और आशा का पता लगाने के लिए लोगों के साथ सुरक्षित स्थान का सृजन करने में विश्वास करती हैं। एक एस.आर.वी. लीडर के रूप में वह अपने नैदानिक कार्य...Read More
खुशियों से परे एमी नागराज, एडवोकेट, एस.आर.वी. लीडर और संजना की मां द्वारा लिखित "एक सुखद अनुभव हमेशा कुछ और अधिक में बदल जाता है" - एमी नागराजRead More
“A bend in the road is not the end of the road…unless you fail to make the turn.” - Helen Keller This is a story of hope and persistence. This is the story of a woman called Mani.Read More
हमारे जीवन का हर दिन कई अनुभवों से भरा होता है; उनमें से कुछ का हम पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ऐसा ही एक व्यक्तिगत अनुभव यहां दिया गया है जो कोलकाता के नैदानिक मनोवैज्ञानिक मनीषा द्वारा साझा किया गया है।Read More
जब किसी बच्चे का निदान होता है तो हम मानसिकता में बदलाव देखते हैं - परिवार के सपने और उम्मीदें सिमट जाती हैं, और पूर्व में हुए जीवन के घिसे-पिटे अनुभव सामने आ जाते हैं और विकलांगता जीवन का केंद्र बन जाती है। विकलांगता के इस नए क्षेत्र के भूलभुलैया का मार्ग तय करना ही...Read More